“तुम कब तक मुझे चाहोगे”
“तुम कब तक मुझे चाहोगे”
मुझे चाहने वालों…
तुम कब तक मुझे चाहोगे !
क्या निकम्मेपन को मेरे…
तुम बर्दाश्त कर पाओगे !
ज़रा सोच लो…
साथी बनकर जीना पसंद है,
या सदा मतलबी ही रह जाओगे।
अजित कर्ण ✍️
“तुम कब तक मुझे चाहोगे”
मुझे चाहने वालों…
तुम कब तक मुझे चाहोगे !
क्या निकम्मेपन को मेरे…
तुम बर्दाश्त कर पाओगे !
ज़रा सोच लो…
साथी बनकर जीना पसंद है,
या सदा मतलबी ही रह जाओगे।
अजित कर्ण ✍️