तुम औऱ मैं
जल की धारा
के समान मिले
प्यार को जिये आज
वैसे ही जैसे नदियों का जल
तुम और मैं…
चलते पानी की तरह
साथ साथ हम भी बह कर
प्यार के समुंदर में मिले
उन नदियों की तरह
तुम और मैं…
औऱ एक हो जाए
बस वैसे ही कि
जैसे पानी का एक रूप
मिलकर रहे अपने मे
तुम और मैं…
जीवन भर के लिए
पवित्र जल से
हम बस बहते गए
एक रूप होकर
तुम और मैं…
मिले उस पानी की तरह
एक रूप हो जाये
चलो आज सिर्फ़
तुम और मैं नही अब
बस हम…