तुम और मैं
होठों पर हंसी, और आंखों में पानी है,
तेरी मेरी जिंदगी की भी अजीब कहानी है
ना मैं तुमको देखूं,ना तु मुझको देखे
फिर भी एक दूजे के पलकों पे निगरानी है।
जो तू खुलकर कह दे तो ये रात सुहानी है
पर जो मैं हंस के कह दूं तो क्यों हैरानी है?
उलझन में हूं मैं और उलझन में हो तुम ,
ये मोहब्बत है या बेमतलब परेशानी है??
: आलोक ( गीत)