तुम इतने उदास क्यों हो
बताओ न!
तुम इतने उदास क्यों हो
तुम्हारा कुछ खो गया क्या
या कोई अपना छोड़कर चला गया
या फिर किसी ने चुरा ली
तुम्हारी इच्छाओं के महासागर से
दो नन्हीं-नन्हीं बूँदें
अरे तुम तो परमपिता की परमप्रिय संतान हो
अनंत शक्ति का भंडार
तमाम सुख देने वाली
समस्त इंद्रियों से सुशोभित
और अन्य जीवों से इतर तुम्हें प्राप्त है
बुद्धि और हँसी का अद्भुत वरदान
फिर भी तुम उदास हो
अरे तुम्हीं हो ना
जो पर्वतों को काट देता है
लहरों को मोड़ देता है
तुम्हारे चेहरे पर उदासी अच्छी नहीं लगती
मैं तुम्हें नहीं दूँगा
गीता का वो उपदेश
जिसमे है नश्वरता का संदेश
तुम्हें सब पता है
अरे क्या हो गया
अगर किसी को उसकी मंज़िल मिल गयी
इसमे उदास होने की क्या बात है
अपनी शक्ति को केंद्रित करो
ईर्ष्या-द्वेष से मुक्त होकर
फिर से भरो उड़ान
उड़ो जितना उड़ सकते हो
सफ़र अभी ख़त्म नहीं हुआ है
देखना एक दिन बादलों को चीरकर
आकाश को छू लोगे
हार्दिक शुभकामनाएँ
तुम्हारे लिए