तुम अपनी शादी में बुलाना मै आऊंगा जरूर….
तुम अपनी शादी में बुलाना मै आऊंगा जरूर….
एक निवाला ही सही मैं खाऊंगा जरूर….
उस दिन सबके सर पे सहरे देखुंगा ….
सारी रात रुककर सातों फेरे देखूंगा….
मुझे तुम्हारी आँखों में शर्म दिखनी है…….
वो आग जितनी गर्म है वो आग देखनी है…..
उस रात में आखरी रात नाचूंगा ……
जिस दिन मैं तेरी बारात में नाचूंगा …..
कोई कहेगा रूखसती के वक्त तेरी आंखों में आसूं क्यूं नहीं…..
मै कहुंगा …..
मेरे महबूब की शादी है
मैं नाचु क्यों नहीं …..
विशाल प्रजापति