तुम्हें है प्यार तो इज़हार कर गए होते!
तुम्हें है प्यार तो इज़हार कर गए होते!
तुम्हारे प्यार में हम भी संवर गए होते!!
❤️
हमारे गांव के परदेसी ख़ैर लौट आए।
वबा से पहले ही वरना वो मर गए होते।।
💖
चरागे़ इश्क जलाया था कभी दोनों ने।
साथ जो तुमने दिया होता घर गए होते।।
❤️
तुम्हारा प्यार नवाज़िश है कि मिला मुझको।
सितारे नाज़ गर आंचल में भर गए होते।।
❤️
मौसम ए हिज्र बताते हैं आज ये पतझड़।
बहार लौट के आता, सुधर गए होते।
❤️
सभी सवाल उठाते हमारी चाहत पर।
कसम वफा़ की जो खा कर मुकर गए होते ।
💖
तुम्हारा प्यार भी नफरत में गर नज़र आता।
मेरी निगाह से कब के उतर गए होते ।
❤️
“सगी़र” सांस भी है उसकी मुंतजि़र अब तो।
जो उसकी याद ना आती तो मर गए होते।
💕💕💕💕💕💕💕💕
डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच
मोबाइल 9839920945
9598851265