तुम
तुम भी…।
तुम्हें सौंपते हैं
धरा पर
अभी-अभी पनपी
कोमल पत्ती की
महक
तुम भी सोंपना
अगली पीढ़ी को
इससे भी कोमल
कोई स्वर या कोई लिपि
संगीता बैनीवाल
तुम भी…।
तुम्हें सौंपते हैं
धरा पर
अभी-अभी पनपी
कोमल पत्ती की
महक
तुम भी सोंपना
अगली पीढ़ी को
इससे भी कोमल
कोई स्वर या कोई लिपि
संगीता बैनीवाल