“तुम्हें राहें मुहब्बत की अदाओं से लुभाती हैं
“तुम्हें राहें मुहब्बत की अदाओं से लुभाती हैं
जिसे जितनी समझ उतना गले हँसकर लगाती हैं”
आर. एस. ‘प्रीतम’
“तुम्हें राहें मुहब्बत की अदाओं से लुभाती हैं
जिसे जितनी समझ उतना गले हँसकर लगाती हैं”
आर. एस. ‘प्रीतम’