तुम्हें अपनी जिंदगी बनाने को ज़ी चाहता है…!!
तेरे दिल के करीब आने को ज़ी चाहता है…
तेरे होठों पर मुस्कुराने को ज़ी चाहता है…
तेरी सांसों में समा जाने को ज़ी चाहता है…
तेरी रूह तलक बस जाने को ज़ी चाहता है…
अगर थक जाऊं कभी जिंदगी की उलझनो से,
तो तेरी पलकों तले सो जाने को ज़ी चाहता है…!!
तुझे अपना बनाने से पहले…
तुझे अपना कह जाने को ज़ी चाहता है…!
तेरे हर गम में… हर तकलीफ में…साथ निभाने को ज़ी चाहता है…!
कभी आए रास्ते में कांटे कहीं…तो फूल बनकर तेरे कदमों तले…बिछ जाने को ज़ी चाहता है…!
तुम नाजुक फूल-सी नन्ही हो, तेरा माली बन जाने को ज़ी चाहता है…!
मैं तेरे दिल में जगह बना पाऊं… ऐसी शख्सियत पाने को ज़ी चाहता है…!
तुझे धड़कन से भी करीब…अपनी रूह में बसाने को ज़ी चाहता है…!
तेरी एक मुस्कुराहट पर…दुनिया की तमाम बंदिसे तोड़ जाने को ज़ी चाहता है…!
वह तुम ही हो जिसे मैं सच्चे दिल से चाहता हूं….
सच कहूँ तो तुम्हें अपनी जिंदगी बनाने को ज़ी चाहता है…!!
❤Love Ravi❤