तुम्हीं मेरा रस्ता
1) हक़ीक़त यही है यही है फ़साना
तुम्हीं मेरा रस्ता तुम्हीं हो ठिकाना
2)तुम्हारे बिना दिल कहीं न लगे अब
बना डाला तुमने इसे भी दिवाना
3)जहाॅं देखती हूॅं तुम्हीं रू-ब-रू हो
कहूॅं क्या मैं बेचैनियों का फ़साना
4)ज़रा मुस्कुरा दो हमें चैन आए
ख़फ़ा होके तुम यूॅं न हमको सताना
5)बहुत बोलती हैं निगाहें तुम्हारी
कहीं इनको पढ़ ले न दुश्मन ज़माना
6)हमें देखना है तो जी भर के देखो
यूं शरमा के हमसे न नज़रें चुराना
7)करो इश्क़ गर मंतशा तुम किसी से
तो चाहत की हर इक क़सम को निभाना
🌹मोनिका मंतशा🌹