तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
बिछड़ने के खयालों से भी डरती और रोती हूँ
समझने की करो कोशिश,गलत समझो नहीं मुझको
मैं तुमसे प्यार करती हूँ तभी नाराज़ होती हूँ
तुम्हारे ही सपन हम नैन में हर पल संजोते हैं
बिछड़ने के खयालों से भी डरकर खूब रोते हैं
समझने की करो कोशिश,गलत समझो नहीं हमको
बहुत ही प्यार है तुमसे तभी नाराज़ होते हैं
09।11।2023
डॉ अर्चना गुप्ता