तुम्हारे बाद
तुम्हारे बाद जिंदगी दो हिस्सों में बाँटी गयी
दिन हँसके गुजारा गया रातें रो कर काटी गयी
मुरझाकर फूल फ़िर खिले ही नहीं
बहारें आती गयी बहारें जाती गयी ।।
तुम्हारे बाद जिंदगी दो हिस्सों में बाँटी गयी
दिन हँसके गुजारा गया रातें रो कर काटी गयी
मुरझाकर फूल फ़िर खिले ही नहीं
बहारें आती गयी बहारें जाती गयी ।।