//… तुम्हारे जाने के बाद…//
//… तुम्हारे जाने के बाद…//
हम एक-दूसरे से मिल कर ,
हमेशा के लिए बिछड़ जाएंगे .
जिंदगी के सफर में अकेले ,
तुम हमें , हम तुम्हें छोड़ जाएंगे…!
वक्त अभी रुकेगा नहीं ,
वह दिन जरूर ऐसा आएगा,
कुछ और दिनों का ही ,
जब फासला तय हो जाएगा…!
तुम्हारे जाने के बाद ,
तुम तो नहीं होगी ,
तुम्हें क्या पता होगा…?
अपनी तो ,
दुनिया में सिर्फ ,
वीरांगनी ही होगी.
ना फूलों पर भौरें होंगे ,
ना खिलता हुआ ,
यह चमन होगा…!
आज जो ,
मुस्कुरा रहा है ,
तुम्हें देखकर
कल रोता हुआ ,
यह मन होगा…!
निश्चित है कुछ नियम ,
जिससे ,
सारी सृष्टि बंधी हुई है
उसके लिए ,
कुछ ऐसा क्षण आएगा ,
कि उसका मंजर ,
संग मेरे ,मेरे लिए
कुछ इस तरह बदल जाएगा…
वक्त-
जो कभी रुकता नहीं
जिंदगी भर के लिए
दरख़्तों के पीछे छुप जाएगा .
पत्थर-
जो कभी जलता नहीं
दीप सा जल कर
मोम की तरह पिघल जाएगा…!
किरण-
जो कभी टूटती नहीं
कांच की तरह टूट कर
चारों और बिखर जाएगा…!
सूरज-
जो चमक रहा आसमान पर
सुबह से पहले ही
शाम की तरह ढल जाएगा…!
समुंदर-
जो कभी बहता नहीं
बूंद बूंद आंसू बनकर
मेरी आंखों से ही बह जाएगा…!
तुम्हारे ही रोशनी से ,
रोशन हो रहा हूं मैं अंधेरा
तुम्हारे जाने के बाद ,
तुम्हारे बिना फिर कोई ,
गुमनामी के अंधेरों में ,
कहीं खो जाएगा….!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)