Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2021 · 1 min read

//… तुम्हारे जाने के बाद…//

//… तुम्हारे जाने के बाद…//

हम एक-दूसरे से मिल कर ,
हमेशा के लिए बिछड़ जाएंगे .
जिंदगी के सफर में अकेले ,
तुम हमें , हम तुम्हें छोड़ जाएंगे…!

वक्त अभी रुकेगा नहीं ,
वह दिन जरूर ऐसा आएगा,
कुछ और दिनों का ही ,
जब फासला तय हो जाएगा…!

तुम्हारे जाने के बाद ,
तुम तो नहीं होगी ,
तुम्हें क्या पता होगा…?
अपनी तो ,
दुनिया में सिर्फ ,
वीरांगनी ही होगी.

ना फूलों पर भौरें होंगे ,
ना खिलता हुआ ,
यह चमन होगा…!

आज जो ,
मुस्कुरा रहा है ,
तुम्हें देखकर
कल रोता हुआ ,
यह मन होगा…!

निश्चित है कुछ नियम ,
जिससे ,
सारी सृष्टि बंधी हुई है
उसके लिए ,
कुछ ऐसा क्षण आएगा ,
कि उसका मंजर ,
संग मेरे ,मेरे लिए
कुछ इस तरह बदल जाएगा…

वक्त-
जो कभी रुकता नहीं
जिंदगी भर के लिए
दरख़्तों के पीछे छुप जाएगा .

पत्थर-
जो कभी जलता नहीं
दीप सा जल कर
मोम की तरह पिघल जाएगा…!

किरण-
जो कभी टूटती नहीं
कांच की तरह टूट कर
चारों और बिखर जाएगा…!

सूरज-
जो चमक रहा आसमान पर
सुबह से पहले ही
शाम की तरह ढल जाएगा…!

समुंदर-
जो कभी बहता नहीं
बूंद बूंद आंसू बनकर
मेरी आंखों से ही बह जाएगा…!

तुम्हारे ही रोशनी से ,
रोशन हो रहा हूं मैं अंधेरा
तुम्हारे जाने के बाद ,
तुम्हारे बिना फिर कोई ,
गुमनामी के अंधेरों में ,
कहीं खो जाएगा….!

चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 411 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम ही जीवन है।
प्रेम ही जीवन है।
Acharya Rama Nand Mandal
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
Dhirendra Singh
*आवागमन के साधन*
*आवागमन के साधन*
Dushyant Kumar
सूर्योदय
सूर्योदय
Madhu Shah
'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे
नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे
पंकज परिंदा
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*चाँदी को मत मानिए, कभी स्वर्ण से हीन ( कुंडलिया )*
*चाँदी को मत मानिए, कभी स्वर्ण से हीन ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
अपनी चाह में सब जन ने
अपनी चाह में सब जन ने
Buddha Prakash
एक आज़ाद परिंदा
एक आज़ाद परिंदा
Shekhar Chandra Mitra
इक ऐसे शख़्स को
इक ऐसे शख़्स को
हिमांशु Kulshrestha
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
सत्य कुमार प्रेमी
Remembering that winter Night
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
अपने वतन पर सरफ़रोश
अपने वतन पर सरफ़रोश
gurudeenverma198
4482.*पूर्णिका*
4482.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सुनो भाई-बहनों"
Dr. Kishan tandon kranti
गीत
गीत
Shiva Awasthi
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गीत-14-15
गीत-14-15
Dr. Sunita Singh
..
..
*प्रणय*
विधाता है हमारे ये हमें जीना सिखाते हैं
विधाता है हमारे ये हमें जीना सिखाते हैं
Dr Archana Gupta
ऐसा लगा कि हम आपको बदल देंगे
ऐसा लगा कि हम आपको बदल देंगे
Keshav kishor Kumar
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
तन्हाई से सीखा मैंने
तन्हाई से सीखा मैंने
Mohan Pandey
सम्मान बचाने के लिए पैसा ख़र्च करना पड़ता है।
सम्मान बचाने के लिए पैसा ख़र्च करना पड़ता है।
Ajit Kumar "Karn"
भारत के लाल को भारत रत्न
भारत के लाल को भारत रत्न
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुनो! बहुत मुहब्बत करते हो तुम मुझसे,
सुनो! बहुत मुहब्बत करते हो तुम मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान
Shyam Sundar Subramanian
हर‌ शख्स उदास है
हर‌ शख्स उदास है
Surinder blackpen
Loading...