Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2023 · 1 min read

तुम्हारे ओंठ हिलते हैं

विधाता छंद

हॅसीं तुम हो जवाॅ तुम हो अदा हर कातिलाना है।
टिका लो तुम नजर जिस पर वही बंदा दिवाना है।।(१)

तुम्हारे ओंठ हिलते हैं जुबाॅ से फूल झरते हैं,
तुम्हारी शोख नजरों में समाया ये जमाना है।।(२)

किये घायल बहुत से हैं अटल भी बच नहीं पाया,
हुआ है जख्म इक दिल में दिखाकर क्यों दुखाना है।(३)

किये हैं कत्ल ना जाने निगाहों से कई अब तक,
सभी चाहें हैं कुर्बानी कहें क्यों ये गॅवाना है।(४)

छुपाते फिर रहे मजनूॅ जख्म अपने दिलों का अब,
अटल कहता है’ खुलकर ये मगर सबका फसाना है।(५)

62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

खुद के वजूद को।
खुद के वजूद को।
Taj Mohammad
नहीं मैं ऐसा नहीं होता
नहीं मैं ऐसा नहीं होता
gurudeenverma198
प्रारब्ध का सत्य
प्रारब्ध का सत्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नववर्ष नैवेद्यम
नववर्ष नैवेद्यम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
लोभ मोह ईष्या 🙏
लोभ मोह ईष्या 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात
रात
sushil sarna
#लघु_व्यंग्य
#लघु_व्यंग्य
*प्रणय*
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
शम्भु शंकरम
शम्भु शंकरम
Rambali Mishra
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
बदले की चाह और इतिहास की आह बहुत ही खतरनाक होती है। यह दोनों
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
माँ की आँखों में पिता
माँ की आँखों में पिता
Dr MusafiR BaithA
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
इशरत हिदायत ख़ान
" ओके "
Dr. Kishan tandon kranti
"व्यर्थ सलाह "
Yogendra Chaturwedi
-        🇮🇳--हमारा ध्वज --🇮🇳
- 🇮🇳--हमारा ध्वज --🇮🇳
Mahima shukla
चाहतें हैं
चाहतें हैं
surenderpal vaidya
समय
समय
कुमार अविनाश 'केसर'
*हीरे की कीमत लगी, सिर्फ जौहरी पास (कुंडलिया)*
*हीरे की कीमत लगी, सिर्फ जौहरी पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मुझको मेरा हिसाब देना है
मुझको मेरा हिसाब देना है
Dr fauzia Naseem shad
तलाश
तलाश
Shyam Sundar Subramanian
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
"स्वागत हैं"
ओसमणी साहू 'ओश'
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"जीवन-ज्योति"
Prabhudayal Raniwal
*दूसरा मौका*
*दूसरा मौका*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...