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22 Jul 2019 · 1 min read

तुम्हारे आने से

ताजगी पहन
सिमटा सा मन
खुलने लगा है
तुम्हारे आने से

बिखरता वक़्त
ठहरा सा लगता है
नई आहट से

तुम्हारी आँखों में
लहराती एक शाख देखी है
आशाओं के तिनके हैं
मेरे पास और कुछ पत्तियाँ भी

तुम कहो तो घोसलें बना लूं
आकांछाओं के
और पंख फैला दूँ
नीले आकाश की ओर

कल्पनाओं के बीज
बो चुका हूँ
कोंपलें फूटना चाहती हैं
तुम्हारी ओट पाकर

एक बिंदास झोका
कह गया है
चुपके से
कि वक़्त का अगला पड़ाव
मेरी छत पर है

Language: Hindi
1 Like · 330 Views
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