तुम्हारी शोख़ अदाएं
तुम्हारी शोख़ अदाएं खुदा बचाए हमें
तुम्हारी शोख़ अदाएं………………..
मृग से नयना तुम्हारे बहुत निराले हैं
इन्ही से दिल में हमारे हुए उजाले हैं
ये दिल पे तीर चलाएं खुदा बचाए हमें
तुम्हारी शोख़ अदाएं………………..
मोरनी सी चाल तुम्हारी सदके जाएं
तुम चलो तो यूँ बिजलियाँ गिर जाएं
ये दिल को धड़काएं खुदा बचाए हमें
तुम्हारी शोख़ अदाएं……………….
चाँद से मुख पे ये जुल्फ घटाएं जैसे
फूल भी देखकर’विनोद ‘शर्माएं ऐसे
ये दिल चुरा ले जाएं खुदा बचाए हमें
तुम्हारी शोख़ अदाएं……………….
स्वरचित
( विनोद चौहान )