तुम्हारी याद आती है
मेरे चारों तरफ अनगिनत चीजें हैं
जिन्हें देखकर मुझे बार-बार
तुम्हें प्यार करने को जी चाहता है
तुम्हारे साथ बिता हर लम्हा
मैं अपने भीतर समा लेना चाहता हूं
मैं भली भांति जानता हूं कि
जब हम अलग होंगे, कभी भी किसी भी क्षण
सच कहता हूं वह पल
कैक्टस के कांटे की तरह
मेरे दिल को चीर कर छलनी कर देंगे
जब तुम मुझसे बहुत दूर होती हो
तो तुम्हारी याद आती है
और हम दोनों के दरमियान बढ़ते फासले
दो दिलों को तड़पने के लिए अकेला छोड़ देते हैं
ये सहन करना लगभग बहुत कठिन हो जाता है
तुम सुन रही हो न
यह जो मेरी चाहत है तुम्हारे लिए
मुझे पहले से और अधिक तड़पाती है
मैं जानता हूं कि इस खालीपन को
सिर्फ तुम ही भर सकती हो
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान को जब भी देखता हूं
एक अजीब सा सुकून मिलता है
काले बादलों के सीने को कचीर कर
फूटती सूरज की उज्जवल किरण की तरह
गुलाब की पंखुड़ियां पर शबनम की बूंद की तरह
मुझे तुम्हारी हँसी के बारे में सोचकर तसल्ली होती है
जो हजार बसंत से भी ज्यादा महकती है
खुद को जब तुम्हारी बाहों में पाता हूं
सच में दिल को बहुत तसल्ली होती है
दुनिया में सबसे मधुर सांत्वना का एक मखमली चादर की तरह
इससे मेरी आत्मा में दिव्य प्रकाश जन्म लेता है
और मेरे हृदय को असीम खुशी का आभास होता है
चांदनी रात में जब कभी
चांद को मुस्कुराते हुए देखता हूं
तो मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है
पता नहीं तुम्हारे दिल के मौसम का हाल कैसा है
मगर इधर के मौसम का हाल ऐसा है कि
पतझड़ के सिवा कुछ भी तो नजर नहीं आता
इससे पहले कि तुम्हारी यादों के पत्ते
कांच के टुकड़ों की तरह गिरकर बिखर जाएं
तुम जहां भी हो, मेरे लिए लौट आओ
क्योंकि मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है