तुम्हारी यादों की प्यास
यह तुम्हारी यादों की
प्यास है
किसी जल की शीतल धार से
नहीं बुझ पा रही
तुम्हारे जैसा अब इस संसार में
कोई दूसरा भी तो मिलेगा नहीं
यह बात आहिस्ता आहिस्ता
धीरे धीरे
हौले हौले
अब मुझे समझ आ रही।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001