तुम्हारी पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
तुम्हारी पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
सौभाग्य ऐसा भी कहीं हर किसी को मिलता है।
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
तुम्हारी पथ के कांटे मैं पलकों से उठा लूंगा,
सौभाग्य ऐसा भी कहीं हर किसी को मिलता है।
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश