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17 May 2024 · 1 min read

तुम्हारी दुआ।

गज़ल

122/12
तुम्हारी दुआ।
हमारी दवा।1

गुज़ारिश यही,
न देना दगा।2

खुदा की कसम,
तू है मरहवा।3

कि मर जाएंगे,
न तू यूं सता।4

हैं तन से अलग,
न दिल से जुदा।5

है दिलकश बहुत,
तेरी हर अदा।6

मैं प्रेमी तेरा,
तुझी पर फिदा।7

……✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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