तुम्हारी जादूगरी
हमने
पत्थरों में
बो दिए
हरियाली के बीज
सींचे नमक के पानी से
तैयार किये
बादलों के जंगल
ताकि बुझाई जा सके
धरती की प्यास
तुमने रातों रात
मशीनी घोड़ो को
दौड़ा कर जंगलों को रौंद
धरती का सीना चीर
उगा दीं वहाँ
कंकरीट की झाड़ियाँ
बड़े जादूगर हो तुम
हमनें
बंजर जमीनों में
बो दीं उम्मीदें
हड्डियों को गला कर
तैयार हुई खाद और
प्रार्थनाओं के पानी से
उगाया पीला सोना
ताकि मिल सके
बिलखते बच्चों को रोटी
तुमने रातों रात
सस्ते दामों में खरीद कर
कैद कर लिया
गोदामों में
और
ऊँचे दामों में बेचकर
तैयार कर ली
अपने लिए
थोड़ी और बड़ी तिजोरियां
बड़े जादूगर हो तुम
हमने तैयार की
प्रेम के गारे से
भरोसे की ईंटों को
जोड़ कर
इंसानियत की बस्तियाँ
तुमने रातों रात
बस्ती में आग लगाकर
तैयार कर दिए
कत्लखाने सफेद चादर
तानकर
और उस पर लिख दिए
अलग अलग रंगों से
शोक संदेश
बड़े जादूगर हो तुम
हमारी उंगलियों में
लगे हैं
हमारे नीले पड़ते
रक्त की स्याही के धब्बे
जो रातों रात
बदल देंगें
तुम्हारे सफेद पड़ चुके
भयानक चेहरों की रंगत
हम सीख रहें हैं तुमसे ही
तुम्हारी जादूगरी,,