तुम्हारी आँखों में आँसू,चेहरे पर बेबसी थी –आर के रस्तोगी
जब दरवाजा खोला,तुम्हारी आँखों में आँसू चेहरे पर बेबसी थी |
पहले क्यों नहीं बताया तुमने,मेरी ऊँगली दरवाजे में फंसी थी ||
गमले के फूल गिर जाते है,जब तुम आती हो |
क्या तुम अंधी हो,बेचारे गमले से टकराती हो ||
तुझ को तुझ से चुरा लू,कहने को तो बड़ी बात है
पर मम्मी कहती है ,कि चोरी करना बुरी बात है ||
सुबह सुबह तारो से अक्सर ये आवाज आती है |
सुबह क्यों नहीं उठता,क्या तुझे मौत आती है ||
जरा सनाज सुनो,क्या तुम मेरी बात से नाराज हो |
मेरी बात इतनी गौर से सुन रही क्या तुम सनाज हो ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)