तुम्हारा साथ
बिखर जाना ही पड़ेगा गर छोड़ा तुमने मेरा साथ,
दूर जाकर देख लो नहीं मिलेगा हमसा कोई ख़ास,
एक रात जो बीतेगी तुम्हारी आसुओं में,
खुद ही थाम लोगे आकर हमारा हाथ,
अपनों को भी कोई छोड़ कर जाता है क्या,
कैसे भूल पाओगे हमारी पाक मोहब्बत का एहसास,