तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ मेरे लिए
वैसे ही है जैसे
प्रकृति के लिए बारिश की बूंदें
धरती के लिए बारिश की आस
आसमां के लिए घनघोर घटा
सूर्य के लिए सांझ
सुबह के लिए ओस की बूंद…।
संदीप कुमार शर्मा
तुम्हारा साथ मेरे लिए
वैसे ही है जैसे
प्रकृति के लिए बारिश की बूंदें
धरती के लिए बारिश की आस
आसमां के लिए घनघोर घटा
सूर्य के लिए सांझ
सुबह के लिए ओस की बूंद…।
संदीप कुमार शर्मा