*तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने (मुक्तक)*
तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने (मुक्तक)
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तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने
तुम्हारा हाथ सिर पर हो तो, फिर हस्ती के क्या कहने
मौहब्बत से बुलाते हैं तुम्हें हम ऐ! मेरे मालिक
चले आते हो साहिब मुफ्त में सस्ती के क्या कहने
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451