तुम्हारा इंतज़ार
जब तुम नहीं थे … तब भी जिंदगी चलती थी…. जब तुम आये, जिंदगी ने करवट बदली, कभी दौड़ती,कभी थम जाती….. औऱ कभी ग़ुम हो जाती, ख़ुद में तुम्हे तलाशती।।।।।। तुमसे मिलती तो खुश हो जाती, न मिलते तुम,तो उदास हो जाती……फिर एक दिन, तुम कह गए…… .मेरा इंतज़ार करना………….. जिंदगी ने समय का ऐनक लगाया,और चांदी होते केशों के साथ,धड़कनों को संभाल कर ……आखिरी सांस तक करने लगी, तुम्हारा इंतजार। डॉ प्रिया सोनी खरे