तुमसे मोहब्बत है
तुम से मोहब्बत है, कह नहीं सकता ,
पर बिन तुम्हारे अब रह नहीं सकता ।
एक बार ज़िंदगी में , आये हो अगर,
हो जाये जुदाई अब सह नहीं सकता ।
गुज़र जाते थे दिन, ख़ुद ब ख़ुद ही ,
काटे नहीं कटते कुछ कह नहीं सकता ।
आदत हो गई , अब साथ चलने की
तुम्हारे सहारे बिन अब चल नहीं सकता दल
डा. राजीव “सागरी”