Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2024 · 1 min read

तुमसे मिलने पर खुशियां मिलीं थीं,

तुमसे मिलने पर खुशियां मिलीं थीं,
तुमसे बिछड़ने के बाद पीड़ा,
खुशी और पीड़ा दोनों ही शब्द हैं,
जो इन्हें महसूस करे वही जीवित है।
अर्चना मुकेश मेहता

1 Like · 16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
कमीना विद्वान।
कमीना विद्वान।
Acharya Rama Nand Mandal
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
जिंदगी में रंजो गम बेशुमार है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
कुमार
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
जगदीश शर्मा सहज
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
शिव प्रताप लोधी
छैल छबीली
छैल छबीली
Mahesh Tiwari 'Ayan'
जिंदगी का सवेरा
जिंदगी का सवेरा
Dr. Man Mohan Krishna
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुरली कि धुन
मुरली कि धुन
Anil chobisa
*हनुमान के राम*
*हनुमान के राम*
Kavita Chouhan
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
ओसमणी साहू 'ओश'
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
मीत की प्रतीक्षा -
मीत की प्रतीक्षा -
Seema Garg
गुरूर  ना  करो  ऐ  साहिब
गुरूर ना करो ऐ साहिब
Neelofar Khan
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
वफा से वफादारो को पहचानो
वफा से वफादारो को पहचानो
goutam shaw
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Kishan tandon kranti
टूटे बहुत है हम
टूटे बहुत है हम
The_dk_poetry
लोककवि रामचरन गुप्त का लोक-काव्य +डॉ. वेदप्रकाश ‘अमिताभ ’
लोककवि रामचरन गुप्त का लोक-काव्य +डॉ. वेदप्रकाश ‘अमिताभ ’
कवि रमेशराज
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
हरे भरे खेत
हरे भरे खेत
जगदीश लववंशी
*बहकाए हैं बिना-पढ़े जो, उनको क्या समझाओगे (हिंदी गजल/गीतिक
*बहकाए हैं बिना-पढ़े जो, उनको क्या समझाओगे (हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
Loading...