तुमसे मिलना, शायद नहीं है किस्मत में l
तुमसे मिलना, शायद नहीं है किस्मत में l
पर किस्मत को बदलना है, हर कीमत में ll
सूखी झाड़ियों भरा, कटीला जंगल है l
क्या रखा तेरी प्रीत बिना, इस किस्मत में ll
ये हुश्न, आदयें, मुस्कान, जो देती है l
इसको छोड़ बता क्या रखा है, जन्नत में ll
कितना दम है मेरी प्यास की हिम्मत में l
जिन्दगी वारी जाऊं, इश्क की कीमत में ll
सहज मस्त मस्त श्रम पुकार है, कुदरत में l
क्या रखा है, इस आलस्य और फुरसत में ll
क्या रखा है, विषय प्यास, जुर्रत जरुरत में l
जिंदगी बीत जाए, इश्क की खिदमत में ll
अरविन्द व्यास “प्यास”