तुमसे जो मिले तो
तुमसे जो मिले तो
ज़िंदगी
खूबसूरत लगने लगी
हसीन ये
आसमान और ज़मीं
लगने लगी
यक़ीन ग़र कर पाओ
मेरा, तो सुनो,
मुझे तुम बेशक दूर रहो मुझ से
फ़िर भी
मेरी ज़िंदगी सी लगती हो…!!!!
हिमांशु Kulshrestha
तुमसे जो मिले तो
ज़िंदगी
खूबसूरत लगने लगी
हसीन ये
आसमान और ज़मीं
लगने लगी
यक़ीन ग़र कर पाओ
मेरा, तो सुनो,
मुझे तुम बेशक दूर रहो मुझ से
फ़िर भी
मेरी ज़िंदगी सी लगती हो…!!!!
हिमांशु Kulshrestha