तुमसे इश्क़
किस कद्र तुमसे इश्क़ है मुझे
क्या बताऊं कैसे क्या इरादा है मेरा
करता है दिल ये मेरा
लिखूं एक ग़ज़ल तेरे नाम पर
या बनाऊं एक खूबसूरत घर
जो हो सिर्फ तेरी यादों से भरा
किस कदर तुमसे इश्क़ है मुझे
क्या बताऊँ क्या इरादा है मेरा
तू मेरा ख्वाब नही मेरी हक़ीक़त है सनम
तुझको दिल मे बसाऊं यही चाहत है सनम
तुझ पर अपने इशक़ को लुटाऊं सनम
अपनी खुशियां तुझ में पाऊं सनम
किस कद्र तुमसे इश्क़ है मुझे
क्या बताऊँ क्या इरादा है मेरा