तुमने..!
सब ने किया नज़र अंदाज़ जब
तब तुमने नज़र मिलायी थी,
मैं तो तनहा ही बीच राह निकल थी गयी
तब तुमने ही साथ चलने की ज़िद लगाई थी,
उदासी चेहरे पर ही थी रहने लगी
कई महीनो के बाद खुल कर यूँ मैं मुस्कुराई थी,
बंजर सी ज़िन्दगी को मानो फिर से
एक नयी उम्मीद तुमने दिलाई थी,
केवल बेसहारा का सहारा नहीं बने थे तुम,
तुमने मेरे दिल अपनी एक जगह बनायीं थी…!
~ गरिमा प्रसाद 🥀