Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

तुमने – दीपक नीलपदम्

मेरे मन के शांत जलाशय से,
ओ! वन की स्वच्छंद चँचल हिरनी
तूने नीर-पान करके-
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।
मैं शांत रहा हूँ सदियों से,
यूँ ही एकांत का वासी हूँ,
मैं देश छोड़ कर दूर वसा,
मैं तो एक अप्रवासी हूँ।
मेरे एकांतवास को भंग किया,
तुमने अपना परिचय देकर,
मेरे शांत अप्रवास को तोड़ने की
तुमने आज पहल कर दी;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।
कोई फल पाने की वाञ्छा से
तप, योग, साधना में रत था,
संसार निरर्थक लगता था,
हर एक कामना से विरत था।
तुम वरदान हमारे तप का हो,
शायद ये ही फल चाहा था;
तप मेरा टूट गया अब तो,
मैंने तेरी कामना है कर ली;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।
तुम कनक-हरिन की भांति दिखे,
आखेट को मैं राघव सा चला,
पर तुम माया थे मन्मथ के,
इस रहस्य से मैं अन्जान रहा;
मैं रोक सका न निज मन को,
मेरे मन के राघव की-
सीता को छल, तू चल दी;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।
तुम कुसुम सरोज सरोवर के,
मैं भोला मधुप हूँ बेचारा,
तुम कारागार बने मेरी,
तेरे कर्षण में मैं गया मारा;
ये रंज नहीं, अब अजीवित हूँ,
अभिमान मुझे अब इसका है,
कि तेरे यौवन-रस की गगरी भी,
मैंने पराग से, ख़ाली कर दी;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।

(c)@ दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

1 Like · 223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
View all
You may also like:
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
दिल के कोने में
दिल के कोने में
Surinder blackpen
-Relationships require effort.
-Relationships require effort.
पूर्वार्थ
*
*"तुलसी मैया"*
Shashi kala vyas
मनुस्मृति का, राज रहा,
मनुस्मृति का, राज रहा,
SPK Sachin Lodhi
"इश्क वो बला"
Dr. Kishan tandon kranti
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
माया का संसार है,
माया का संसार है,
sushil sarna
आलता-महावर
आलता-महावर
Pakhi Jain
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
ऐ गंगा माँ तुम में खोने का मन करता है…
Anand Kumar
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
Ashwini sharma
मेरा दिल
मेरा दिल
SHAMA PARVEEN
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
डॉ० रोहित कौशिक
घनाक्षरी
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
होटल में......
होटल में......
A🇨🇭maanush
होलिका दहन
होलिका दहन
Bodhisatva kastooriya
2831. *पूर्णिका*
2831. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हम अभी ज़िंदगी को
हम अभी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
हालातों से युद्ध हो हुआ।
हालातों से युद्ध हो हुआ।
Kuldeep mishra (KD)
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
Neeraj Agarwal
जब तेरी याद बहुत आती है,
जब तेरी याद बहुत आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शक्ति स्वरूपा कन्या
शक्ति स्वरूपा कन्या
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
पहले प्रेम में चिट्ठी पत्री होती थी
Shweta Soni
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
*जिह्वा पर मधु का वास रहे, प्रभु ऐसी श्रेष्ठ कृपा करना (राधे
*जिह्वा पर मधु का वास रहे, प्रभु ऐसी श्रेष्ठ कृपा करना (राधे
Ravi Prakash
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आहिस्था चल जिंदगी
आहिस्था चल जिंदगी
Rituraj shivem verma
Loading...