Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2020 · 1 min read

तुमने क्या पाया? ऐ कोरोना!

तुमने क्या पाया? ऐ कोरोना!
पर हाँ,हमने बहुत कुछ खोया ऐ कोरोना!
खो दिया हमने अपनों को,
अपने भविष्य को और
अपने बहुत सारे लोगों को।

खो गई हमारी आशायेँ, सारी अभिलाषाएँ,
पस्त हो गये इरादे,गुम हो गये बहुत से वादे,
जो जहाँ था वो वहीं जड़ हो के रह गया,
बिन जेल के हर कोई कैदी हो के रह गया।

कहीं लोग पास आने से कतराते थे और ,
कहीं,अनजानों ने आकर दामन थाम लिया,
डर ने जीवन में ऐसा ड़ेरा जमाया की
अपनों ने अपनों को मुत्युशैया पर भी त्याग दिया।

सैंकड़ो हाथों ने आँसू पोंछे ,
अनगिनत लोगों ने भूखों को भोजन कराया,
अपरचितों ने कई लाशों को दफ़नाया,लोगों ने,
कई दुत्कारी हुई चिताऔं को अंजाम तक पहुँचाया।

अस्त-व्यस्त हो गई जिंदगीं जो एक ढ़र्रे पर चल रही थी,
कोई गिर कर संभला, कोई गिरकर उठ ही नही पाया,
बताओं, तुमने क्या पाया? ऐ कोरोना!
मगर हाँ,हमने बहुत कुछ खोया ऐ कोरोना।

10 Likes · 41 Comments · 802 Views

You may also like these posts

स्त्रियाँ
स्त्रियाँ
Shweta Soni
* सुहाती धूप *
* सुहाती धूप *
surenderpal vaidya
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राजनीति की गरमी।
राजनीति की गरमी।
Acharya Rama Nand Mandal
शराब का इतिहास
शराब का इतिहास
कवि आलम सिंह गुर्जर
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
देखिए आप अपना भाईचारा कायम रखे
शेखर सिंह
ନବଧା ଭକ୍ତି
ନବଧା ଭକ୍ତି
Bidyadhar Mantry
माँ और बाबूजी का दुलार
माँ और बाबूजी का दुलार
श्रीहर्ष आचार्य
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Team India
Team India
Aruna Dogra Sharma
"ओट पर्दे की"
Ekta chitrangini
फूल तितली भंवरे जुगनू
फूल तितली भंवरे जुगनू
VINOD CHAUHAN
समय (कविता)
समय (कविता)
Indu Singh
योगी बन जा
योगी बन जा
Rambali Mishra
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश- 5🍁🍁
🍁🍁तेरे मेरे सन्देश- 5🍁🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ये आजकल के जवान !!
ये आजकल के जवान !!
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरा ग़म
मेरा ग़म
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
..
..
*प्रणय*
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
*सुप्रसिद्ध हिंदी कवि डॉक्टर उर्मिलेश ः कुछ यादें*
*सुप्रसिद्ध हिंदी कवि डॉक्टर उर्मिलेश ः कुछ यादें*
Ravi Prakash
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
" कला "
Dr. Kishan tandon kranti
बहू बनी बेटी
बहू बनी बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक लम्हा
एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
केशव
केशव
Shashi Mahajan
मन जो कि सूक्ष्म है। वह आसक्ति, द्वेष, इच्छा एवं काम-क्रोध ज
मन जो कि सूक्ष्म है। वह आसक्ति, द्वेष, इच्छा एवं काम-क्रोध ज
पूर्वार्थ
बरकत का चूल्हा
बरकत का चूल्हा
Ritu Asooja
सच्ची प्रीत
सच्ची प्रीत
Dr. Upasana Pandey
3647.💐 *पूर्णिका* 💐
3647.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...