तुमनें नफरत खरीदी है।
कौन से बाज़ार से तुमने नफरत खरीदी है।
बाताओं क्या वहाँ मोहब्बत भी बिकती है।।1।।
अनजान बन रहे हो या तुमको सब है पता।
ज़िन्दगी में मुहब्बत का होना भी जरूरी है।।2।।
इश्क़ में उसको मिला है महबूब से धोखा।
यूं पीने पर ना जाओ ये उसकी मजबूरी है।।3।।
जरूरत पड़ती है जीने के लिए चीजों की।
गरीब की ज़िंदगी जिनके लिए तरसती है।।4।।
मौत का डर दिखाकर रोक दी दुनियां ही।
फ़िज़ूल की लगाई सरकार की पाबन्दी है।।5।।
करता है खुदा नाज़िल अपना कहर वहाँ।
जहाँ मजलूम की दिले आह निकलती है।।6।।
शायद तुमको ना हो पता हाल ए गरीबी।
पूंछो उससे जिसको जिंदगी में मिलती है।।7।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ