तुमको खोया नहीं गया हमसे।
तुमको खोया नहीं गया हमसे।
ख़ुद को रोका नहीं गया हमसे।
नफ़रतों की ज़मीन में क्यूं कर,
प्यार – बोया नहीं गया हमसे।
याद अपनी हमें भी आ जाती,
ख़ुद को सोचा नहीं गया हमसे।
तेरे बारे में सोचकर हमदम,
ख़ुद को खोया नहीं गया हमसे।
दर्द को ज़ब्त कर लिया दिल में,
ख़ुद भी रोया नहीं गया हमसे।
डॉ०फ़ौज़िया नसीम ‘शाद’