@@तुझ से वादा निभाने का @@
तुझ से वादा कर लूं., कसम खा कर
तो निभाने का हक़ दे खुदा मुझ को
तेरे हर वादे को सम्भाल कर रख लूं
बस ऐसा वो दिल खुदा दे मुझ को !!
क्या फायदा की वादा करूँ
और उस को में निभा न सकूं
तेरे हर वादे को निभाने का भी
ऐसा हक़ खुदा दे मुझ को !!
दुनिया की सारी अदाओं को
तेरे सामने तो नहीं ला सकता
पर जिस को में पूरा कर सकूं
ऐसा वादा निभाने का हक़ खुदा दे मुझको !!
कह दूं की आसमां से तोड़ लाऊं
चाँद और तारे तेरे प्यार की खातिर
ऐसे कैसे झूठ के दूं,जिस को न ला सकूं
ऐसा झूठ कहने का हक़ न दे खुदा मुझको !!
कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ