तुझ पर प्यार आता है
तुझ पर प्यार आता है
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तुझ पर बहुत प्यार आता है,
जो दिल के तारों को झनकाता है।
तेरी मासुमियत और भोलेपन से,
दिल बहुत गुलज़ार हो जाता है।
कभी ना कोई गिला ना ही शिकायत,
बस यूं ही फूलों सा मुस्कुराये जाता है।
मेरे लिए पथ को फूलों सा सजाया,
आने का मेरे बस , इंतजार किए
जाता है।
तेरी सादगी मुझको लुभा गई,
इसी से मन बहार -ए -चमन हुए
जाता है।
मुझको ये आरज़ू कि वो बुलाए खुद,
इस बात से खुश हूं,मेरा सपना सच
हुआ जाता है।
उसका साथ चाहिए,पल दो पल का,
लेकिन! जीवन के आपाधापी में
सब कुछ गुम हुए जाता है।
कब तक कोई तन्हां रह पायेगा,
इन तन्हाइयों में दम घुटा जाता है।
जीवन में जो पा जाऊं तेरा साथ,
एक दीदार को मन ‘तड़पा, जाता है।
सुषमा सिंह*उर्मि,,