तुझसे दिल लगाने के बाद
तुझसे दिल लगाने के बाद जाना
तेरी साजिश का शिकार हुआ हूं मैं
पल भर में जाने ऐसा क्या हुआ
अपनी ही दुनिया में बेकार हुआ हूं मैं
सब बिखरा बिखरा सा लगता है
तेरी दीवानगी का दीवाना हुआ हूं मैं
यह बदनसीबी नहीं तो और क्या है
अपनी ही गलियों में बेगाना हुआ हूं मैं
पागल दिल के बहकावे में आकर
आज दिल लगाने को मजबूर हुआ हूं मैं
तेरे रसीले अधरो की गर्म छुअन से
थोड़ा जख्मी थोड़ा घायल जरूर हुआ हूं मैं
प्रेम शब्द क्या होता है मुझे नहीं मालूम
मानो किसी दुश्मन का शिकार हुआ हूं मैं
इश्क, मोहब्बत, प्रेम कभी किया नहीं
इसकी तलाश में जाने को लाचार हुआ हूं मैं