तुझे छूकर इन हवाओं को मेरी ओर बहनें दे
तुझे छूकर इन हवाओं को मेरी ओर बहनें दे।
कहने दे आखों को जुबां खामोश रहने दे।
छुप जाने दे मुझे अपनी परछाइयों मे।
तेरी मेरी दूरियों की ये साझ ढहने दे।
सारे जज्बात सिमटकर तुझमें कैद हो रहें हैं।
आज मुझे दिल की हर बात कहने दे।
नशीली आँखों में तेरी अब बहक सा रहा हूँ।
इश्क़ का तेरे, मुझे हर दर्द सहनें दे।
चलने दे ये सिलसिला आहटों का तेरे।
मेरे इश्क का मुकाम तेरे नाम रहनें दे।