“”तुझी से प्यार करता हूं””
*** गजल/गीतिका***
बसी है दिल में तू मेरे ,तुझी से प्यार करता हूं ।
रहो तुम सामने मेरे ,यही फरियाद करता हूं ।
तड़फती हो मचलती हो, मेरे ही प्यार में तुम भी,
तुम्हें ही देख कर मैं भी ,संभलता और संवरता हूं।।
देखे हैं ख्वाब जो हमने ,उन्हें हांसिल हम कर लेंगे।
वादा तूने किया मुझसे, वादा यही मैं भी करता हूं ।।
चलेंगे राह हम ऐसी, जिसे हर दिल अपनाएगा।
“अनुनय” छल कपट से मैं, हमेशा ही तो डरता हूं।।
जिंदगी प्यार से जी लो , यही ऐलान अपना है।
मानवता यही कहती, इसी पर मैं भी चलता हूं।।
आओ तुम भी चलो, सभी हम साथ चलते हैं।
प्यार अनमोल गहना है,मै तो इससे ही सजता हूं।।
– राजेश व्यास अनुनय
(अभी तक लिखी साहित्यपीडिया पर भेजी समस्त रचनाएं मेरी मौलिक/स्वरचित है सर्वाधिकार सुरक्षित है।)