तुझसे लगी लगन
शीर्षक-लागी तुझसे लगन
नैनों से नैना लड़े, प्यार हुआ है आग़ाज।
शुभ मुहूर्त देख,कह दूंगी, मैं दिल का राज।।
बनें है हम इक दूजे के लिए, कहने में आती है लाज।
मुझे करों स्वीकार, मैं हूं तुम्हारी मुमताज।।
इश्क छुपाए नहीं छुपता, हां कहों ना, इश्क बाज़।
प्यार अमर रहें हमारा, स्वीकार करें शहनाज।।
तुझसे लगी है लगन, मेरे दिल में लगी अगन, प्रेम का करता हूं आग़ास।
नफ़रत की आंधियों में मत उलझना, चाहे जो अफवाहें फैलाएं समाज।।
सपनों की उड़ान भरने चली, साथ देना होगा परवाज़।
प्यार का मंदिर बनाएं हम,आओ न राज़।।
विवाह बंधन में बंध, करेंगे ,सप्त पदी का शुभ मंगल काज।
रिश्ता होगा पवित्र, सभी देंगें आशीर्वाद ,हम करेंगे नाज़।।
इलू- इलू गाएंगे,इक दूजे में खो जाएंगे महराज।
मुमताज तेरी याद में, बनाएंगे हम ताज।।
विभा जैन (ओज्स)
इंदौर (मध्यप्रदेश)