तुझसे मिलने के बाद
तुझसे मिलने के बाद,
हो चुका है सब पूरा,
मेरी जिंदगी में अब कुछ नहीं रहा अधूरा ,
जो सोच महज़ कल्पना तक थी सीमित ,
वो लबों पर मेरे अब आने लगी है ,
तुझसे मिलने के बाद तो ,
कलम भी मेरी गुनगुनाने लागी है।
अब ना तू परख मुझे ,
मै तेरा किरदार-ए-आईना हूँ ,
ना कर कोशिशे तोड़ने की मुझे ,
मै महज़ एक आईना हूँ ।
सर्माया-ए-हयात हो तू ,
या हो तेरी याद ,
और अगर ना हो तू ,
तो यकीनं मुझे मिली है खाक।
ढाले बेशक हज़ार सितम , ए सितमगर
तेरे संग तेरी हर आदत हमने कबूल करी है ,
हमने बंदिश में ना रखा तुझे ,
ना रखने की हिमाकत तूने करी है,
इश्क़ में उरूज-ओ-ज़वाल हो जाए ?
यारा इश्क़ है मज़ाक थोड़ी है ।
❤️ सखी