तुझसे जो इश्क किया सबसे है रिश्ता टूटा
तुझसे जो इश्क किया सबसे है रिश्ता टूटा ।
वर्क़ दर वर्क़ पढा़ असबाक़ से नाता टूटा।?
किस तरह लुट गया यह दिल ही मेरे सीने से।
ना कोई सेंध (जर्ब) लगा ना कोई ताला टूटा।
जितने भी ख्वाब सजाए थे सभी टूट गए ।
दिल ऐसे टूटा है जैसे कोई शीशा टूटा।?
रात यह कैसे गुजारी है इज़तराबी में।?
कहर बनकर के सुबह मुझ पर उजाला टूटा।
सोना,चांदी,हीरा,मोती ना कोई शीश महल।
सभी बेकार हुए प्यार का धागा टूटा।?
जिंदगी मौत के साए में जी रही है सगीर।?
अब तो लगता है किसी शाख से पत्ता टूटा।
शब्दार्थ
वर्क दर वर्क= page to page सभी पृष्ठ
असबाक= lesson, पाठ
जर्ब= सेंध,beating,stoke
इज़तराबी= घबराहट, बेचैनी,anxity