Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

तुझमें खोया रहा, खुद को खोता गया

तुझमे खोया रहा, खुद को खोता गया ,
न पता ये चला कब तेरा हो गया,
पहले दिन था मेरा थी रातें मेरी,
अब हर पल मेरा तेरा हो गया,
लफ्ज़ बेबस रहे आखें थी गमनशी,
आंसुओ से मैं बिस्तर बिगो सा गया,
थी वफ़ा की कमी या तू बेवफा,
या किस्मत मेरी थी मुझसे खफा,
तू खुश है जहा मैं तो हूँ नहीं,
मैं खुश हूँ जहा वहां भी हूँ नहीं ,
चांदनी रात में होती बरसात में,
तेरा चेहरा मुझे याद क्यूँ आ रहा,
आँखों में है नमी लफ्ज़ खामोश है,
दर्द ऐसा है ये न सहा जा रहा,
जाने जां हमनशी तुझसा कोई नहीं,
तुझसे ऐसा ये क्या है नशा हो गया ,
पल ये कटते नहीं दिन बिताता हूँ मैं,
बरसों की है तलब आ मिटा जा ज़रा,
क्या खता थी मेरी मैं समझ न सका,
मुझसे रूठा तू क्यों ये बता जा ज़रा ,
इतना टुटा हूँ मैं अब बिखर जाऊंगा ,
आया गर जो न तू मैं तो मर जाऊंगा ,
आखें दीदार को जो तड़प ये रही,
इन आखों की लाली हटा जा ज़रा ,
मन मेरा तुझको ये देता दिल से दुआ ,
तू रहे भी जहा खुश रहे तू वहा ,
खुद को खोया हूँ मैं खुद को पा न सका ,
तुझको पता न चलेगा, कहा मैं गया …

Language: Hindi
181 Views

You may also like these posts

Hiện nay, cổng game Gemwin này đang thu hút sự quan tâm lớn
Hiện nay, cổng game Gemwin này đang thu hút sự quan tâm lớn
Gemwin
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
VINOD CHAUHAN
4607.*पूर्णिका*
4607.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दो का पहाडा़
दो का पहाडा़
Rituraj shivem verma
६ दोहे
६ दोहे
अरविन्द व्यास
पाप.....
पाप.....
sushil sarna
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Rajesh Kumar Kaurav
दूजा नहीं रहता
दूजा नहीं रहता
अरशद रसूल बदायूंनी
🪁पतंग🪁
🪁पतंग🪁
Dr. Vaishali Verma
” भेड़ चाल “
” भेड़ चाल “
ज्योति
जलियाँवाला बाग
जलियाँवाला बाग
सोनू हंस
आप किताबों में झुक जाओ, ये दुनिया आपके आगे झुकेगी ।।
आप किताबों में झुक जाओ, ये दुनिया आपके आगे झुकेगी ।।
Lokesh Sharma
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
बस एक बार और………
बस एक बार और………
डॉ. दीपक बवेजा
..
..
*प्रणय*
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
अंसार एटवी
शरद पूर्णिमा का चांद
शरद पूर्णिमा का चांद
Mukesh Kumar Sonkar
जीवन चक्र
जीवन चक्र
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है !
Akash Yadav
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
Phool gufran
मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं
मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं
Shekhar Chandra Mitra
सरल भाषा में ग़ज़लें लिखना सीखे- राना लिधौरी
सरल भाषा में ग़ज़लें लिखना सीखे- राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब चुप रहतेहै
अब चुप रहतेहै
Seema gupta,Alwar
#नेकी ही धनवान
#नेकी ही धनवान
Radheshyam Khatik
मतवाला मन
मतवाला मन
Dr. Rajeev Jain
कितनी उम्मीद है लोगों की हमसे,
कितनी उम्मीद है लोगों की हमसे,
Ajit Kumar "Karn"
"सूखा सावन"
राकेश चौरसिया
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Chitra Bisht
Loading...