तुझको मैं पहचान रहा हूं
कुछ दिन मैं गुमनाम रहा हूं
कुछ दिन मैं परेशान रहा हूं
धीरे धीरे ही सही लेकिन
तुझको मैं पहचान रहा हूं
तुझसे प्रीत पड़ी मुझे भारी
नहीं रही अब जरा खुमारी
दिल से बहुत हैरान रहा हूं
तुझको मैं पहचान रहा हूं
जब तुमने दिल मेरा तोड़ा
तन्हां कर के मुझको छोड़ा
खुद से ही अंजान रहा हूं
तुझको मैं पहचान रहा हूं
झूठी मोहब्बत झूठे वायदे
टूटा दिल सहमी सी यादें
‘विनोद’हकीकत जान रहा हूं
तुझको मैं पहचान रहा हूं