*तीन शेर*
तीन शेर
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अगर ईमानदारी से यहाँ तुम रह नहीं सकते
तो अपना बंगला, दफ्तर, शहर, दुनिया बदल डालो
बुढ़ापे और बीमारी ने खाया वक्त से पहले
नहीं तो उम्र सौ की लोग सब जीकर गए होते
जिन्दगी-मौत में फासला क्या है
सोचकर हर कदम बढ़ाता हूँ
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रचयिता रवि प्रकाश रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451