#कुंडलिया//बाबा साहब डॉ.भीम राव आंबेडकर
#बाबा साहब डॉ.भीम राव आंबेडकर
शिक्षित बनिए प्रथम तुम , रहो संगठित दूज।
संघर्ष करो संग में , जीवन हो महफ़ूज़।।
जीवन हो महफ़ूज़ , बढ़ो तुम और बढ़ाओ।
शुरू मुझी से दौर , इसे आगे ले जाओ।
बोलो जय-जय भीम , करो जीवन को लक्षित।
मंत्र सीखकर तीन , सभी हो जाओ शिक्षित।
पूजा छोड़ो मूर्ति की , त्याग अंधविश्वास।
सक्षम बनिए एक बस , होगा तभी विकास।।
होगा तभी विकास , और नहीं यहाँ चारा।
लिख संविधान नेक , दिया है एक सहारा।
आत्मकथा श्री भीम , समझ दृष्टांत सहेजा।
पढ़कर लेना सीख , करो वचनों की पूजा।
खुद को कह कमज़ोर भी , मत दे गाली आज।
छुआछूत के दौर भी , जिया भीम अंदाज़।।
जिया भीम अंदाज़ , कष्ट से नहीं किनारा।
तूफ़ान रूख मोड़ , किया है भला हमारा।
कहूँ मसीहा एक , बढ़ा बाबा सबकुछ सह।
साबित किया विचार , मनुज ताक़तवर खुद कह।
महापुरुष में भेद क्यों , सबका होता एक।
सभी करो सम्मान तुम , यही समय की टेक।।
यही समय की टेक , प्रेरणा लें हम सारे।
लिए एकता पंख , उड़ें निज हृदय निखारे।
भारत बने महान , जीत मिलेगी यह कहा।
लेकर शुद्ध विचार , कहलाओ मानव महा।
मना जन्मतिथि एकदिन , कैसे उतरें पार।
हरदिन करके याद तुम , सीख हरो उपहार।।
सीख हरो उपहार , समय का यही तक़ाजा।
तभी खुलेगा देख , उजालों का दरवाज़ा।
क़सम उठाओ आज , खुद को लो अब तुम तना।
भरके पूरा जोश , जयंती लो यार मना।
बाबा तेरे नाम पर , राजनीति है आज।
नहीं समझता देखिए , तेरा खुदी समाज।।
तेरा खुदी समाज , मुझे यह अचरज होता।
देखूँ बटा समाज , फूटकर मन है रोता।
सुन प्रीतम की बात , न जाओ काशी काबा।
अंबेडकर – से गीत , बनो कहते यह बाबा।
नोट-
“घर पर रहो,सुरक्षित रहो,औरों को सुरक्षित करो।
कोरोना संक्रमण महामारी,इसको छूमंतर करो।।”
?आर.एस.बी.प्रीतम?