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12 Jun 2023 · 1 min read

कुंडलिया : तीन कुंडलिया

सपना मन लाचार हैं, हार रहा जब प्यार।
मगर धैर्य टूटा नहीं, हार सीख संसार।।
हार सीख संसार, यत्न से आगे बढ़ना।
गिर-गिरकर शिशु बाल, एक दिन सीखे चलना।।
सुन प्रीतम की बात, परीक्षा से मत डरना।
अंतिम हासिल हार, जीत का बन सपना।।

दीवाना बन लक्ष्य का, हासिल सोच मुक़ाम।
होना मत भयभीत तुम, लग्न मग्न सरनाम।।
लग्न मग्न सरनाम, समय मात्र आजमाए।
जिसकी जैसी सोच, उसे वैसा मिल जाए।।
सुन प्रीतम की बात, जिसे यश-वैभव पाना।
वह तो अपने आप, मनुज बनता दीवाना।।

ताने देना छोड़कर, शाबाशी दें आप।
उत्साहित फूले फले, करे एकदिन जाप।।
करे एकदिन जाप, आप फूले न समाएँ।
नेक वचन अनमोल, आप ही को निज भाएँ।।
सुन प्रीतम की बात, बनो तुम मनुज सयाने।
जिनसे घटता मान, छोड़ देना वह ताने।।

#आर. एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित तीन कुंडलिया छंद

Language: Hindi
1 Like · 159 Views
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