मकर संक्रान्ति पर तिल की महिमा –आर के रस्तोगी
तिल गुड पर चिपक जाये,तो वह गजक हो जाये
अगर तिल गाल पर हो ,सुन्दरता अजब हो जाये
तिल करते करते जिन्दगी कम कम होती जाये
तिल करते करते रोग अधिक भयानक हो जाये
तेल तिलों से निकलत और किसी ने कंभी नाहि
जिन तिलों में तेल नहीं वे तिल सूखे कहिलाय
जिस अंग पर तिल है उसकी सुन्दरता बढ़ जाये
उंगली में अगर तिल हो तुरंत अंगूठी मिल जाये
तिल सुन्दरता का प्रतीक है,अगर तुम्हे मिल जाये
दो प्रक्रति को धन्यवाद तुम,कंचन हो गयी है काय
मकर संक्रान्ति के दिन, तिल की महिमा और बढ़ जाये
इस दिन से दिन तिल तिल बढ़त है रात कम होती जाये
आर के रस्तोगी